What You Need to Know About "Nashya Aushadhi"

Enhances nerve structure and strength

Yogiraj "Nashya Aushadhi" Need to About

Reduces stress and alleviates mental worries

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घटक: भारतीय पहाड़ी देसी छोटी गाय का दूध, जो जड़ी-बूटियाँ खाती है और बहुत कम दूध देती है, लेकिन वह दूध अमृत के समान होता है। इसमें कई प्रकार की जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ मिलाई जाती हैं, जो नसों से संबंधित समस्याओं के इलाज में उपयोग की जाती हैं। निम्नलिखित जड़ी-बूटियाँ नष्यऔषधि में शामिल होती हैं:

अश्वगंधा (Withania somnifera)

ब्राह्मी (Bacopa monnieri)

जटामांसी (Nardostachys jatamansi)

शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis)

गुडूची (Tinospora cordifolia)

वाचा (Acorus calamus)शतावरी (Asparagus racemosus)

शतावरी (Asparagus racemosus)
जायफल (Nutmeg)

केसर (Saffron)

हल्दी (Turmeric)

इन सभी शुद्ध जड़ी-बूटियों का संयोजन सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है।

शारीरिक संतुलन बनाए रखना: शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकती है और शारीरिक वातावरण को संतुलित रख सकती है।

उपचार योग्य समस्याएँ: सिरदर्द, माइग्रेन, लकवा, तनाव, अनिद्रा, खर्राटे, अवसाद, साइनस, ब्रेन हेमरेज, खुश्की, मिर्गी, अत्यधिक गुस्सा, एकाग्रता की कमी, मानसिक रोग, आंख-कान-नाक से संबंधित रोग, बालों का झड़ना, शुगर/ब्लड प्रेशर, एंजायटी आदि।

  नोट: नष्यऔषधि को प्रतिदिन गर्म पानी में रखने के बाद ही प्रयोग करें।

स्वदेशी उत्पाद नष्यऔषधि संपूर्ण परिचय:

औषधि निर्माण विधि: बताई गई सभी औषधीयों को गंगाजल से शुद्ध करके मिट्टी की हँड़ियों में शुद्ध अमृत रूपी घी में डालकर 90 दिन तक सूर्य के प्रकाश व चंद्रमा की किरणों से शोधित करके औषधि तैयार की जाती है

यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. नसों की संरचना को सुधारना:
  2. नष्यऔषधि नसों की संरचना को सुधार सकती हैं और उन्हें मजबूत बनाती हैं।
  1. तनाव कम करना: नष्यऔषधि तनाव को कम करने में मदद करती हैं और मस्तिष्क की चिंताओं को दूर कर सकती हैं।
  1. संचार स्वास्थ्य में सुधार: नष्यऔषधि संचार स्वास्थ्य को सुधारती हैं, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में पोषक तत्व पहुँचते हैं।
  1. स्वस्थ नर्व सिस्टम: नष्यऔषधि नर्व सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज कर सकती हैं।
  1. मानसिक स्थिति को सुधारना: नष्यऔषधि मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद कर करती हैं और आत्मविश्वास को बढ़ा बढ़ाती हैं।
  1. शारीरिक संतुलन को बनाए रखना: नष्यऔषधि शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं और शारीरिक वातावरण को संतुलित रख सकती हैं।

जैसे:- सिरदर्द ,माइग्रेन ,लकवा, तनाव ,अनिद्रा ,खर्राटे, अवसाद, साइनस ,ब्रेन हेमरेज, खुश्की, मिर्गी ,अत्यधिक गुस्सा आना ,एकाग्रता की कमी ,मानसिक रोग ,आंख- कान -नाक से संबंधित रोग, बालों का झड़ना ,शुगर /ब्लड- प्रेशर एंजायटी आदि समस्याएं ये लाभ व्यक्ति के स्वास्थ्य की समग्र देखभाल में महत्वपूर्ण होते हैं और उन्हें नष्यऔषधि के प्रयोग से प्राप्त किया जा सकता है।

जो विद्यार्थी हैं या जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता जो Higher study (IAS -IPS PCS-M.B.B.S -CA Law- Engineering etc) की तैयारी कर रहे हैं वह 3 महीने जरूर प्रयोग करें


विशेष प्रयोग
 यह औषधि लकवे जैसी गंभीर बीमारी को मात्र चार घंटे में ठीक कर सकती है शुगर/ब्लड प्रेशर/तनाव/हृदय रोगी आज से ही नष्यऔषधि का प्रयोग करें ताकि भविष्य में लकवा की बीमारी से बचा जा सके

नष्यऔषधि प्रयोग विधि:- प्रत्येक रोग के रोगी की प्रयोग विधि अलग हो सकती है

सामान्य प्रयोग विधि :- नष्यऔषधि को 2 मिनट के लिए गर्म पानी में रखें ड्रॉपर के माध्यम से दो-दो बूँद दोनों नाकों में डाले बाद खींचे नहीं नोट जब पहले दिन प्रयोग करनी हो उस दिन अपने मोबाइल को एक घंटा पहले स्विच ऑफ कर दें

नोट :- नष्यऔषधि को प्रतिदिन गर्म पानी में रखने के बाद ही प्रयोग करें |

* हर 7 से 8 दिन के बाद नष्यऔषधि को लकड़ी के फट्टे पर धूप में रखें एक-दो घंटे के लिए कृपया फ्रिज में ना रखें और अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें |

योगीराज आयुर्वेद

📞 8459993082